सुरेश शर्मा, मुख्य संपादक 

ब्यावरा। बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार के विरोध मे मंगलवार को सकल हिंदू समाज के हजारों लोग सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया। हिंदू समाज के लोगों ने शहर में एक विशाल रैली निकाली, जिसमे हिन्दू समाज के हजारों लोगो के साथ युवा, मातृशक्ति,बुजुर्ग शामिल हुए व अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर  बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध जताया। बता दे कि मंगलवार को शहर के क्लब ग्राउंड में सकल हिंदू समाज एकत्रित हुआ जहा पर व्यवस्था बनाकर विरोध प्रदर्शन रैली शुरू हुई। क्लब ग्राउंड से शुरू  हुई रैली मंडी रोड, बस स्टैंड, एबी रोड, वैष्णव देवी मंदिर, सिटी थाना, चिंता हरण मंदिर,पीपल चौराहे होते हुए मेन बाजार पहुंची, जहां से जगात चौक से इंदौर नाका से एबी रोड  अस्पताल रोड, नगर पालिका के सामने होते हुए पीपल चौराहे पहुंची जहा पर सभा का आयोजन किया गया।

संतो ने किया सभा को संबोधित
विरोध प्रदर्शन रेली के बाद पीपल चौराहे पर सभा का आयोजन किया गया जिसमे संतों ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की हिंदुओ को जागना होगा। आज बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा हिंदुओं के मकान तोड़े जा रहे, जलाए जा रहें, लेकिन कोई भी यूनाइटेड मेशन इसका विरोध नहीं कर रही। बांग्लादेश में मानव अधिकार नहीं है क्या ? हिंदुओं पर अत्याचार लगातार जारी है। संतो ने कहा हिंदू समाज अब भी जागृत नहीं होगा तो आगे और भी कष्ट झेलना पड़ेगा। हिंदू विरोधी ताकत आज जोर लगाकर काम कर रही उसे जबाव देना होगा।  संतो ने कहा कि आज पार्टियों द्वारा अपनी रोटियां सेकने के लिए हिंदुओं को जाती में बांट दिया और हम भी पार्टियों की विचारधारा को अपना रहे और जाति में बटते जा रहे। राजनैतिक पार्टियों द्वारा हिन्दुओं को बाटा जा रहा लेकिन हमें पार्टियों के चक्कर में नहीं पढ़ना। हिंदू समाज  जात, धर्म  ऊंच नीच को भूलकर एकता का संदेश दिया। आज बांग्लादेश में हिंदुओं पर बर्बरता की जा रही जो गलत है भारत देश के सकल हिंदू समाज इसकी निंदा करता है। सभा के अंत में समस्त हिन्दुओं को एकजुट होकर मुकाबला करने का संकल्प दिलाया गया।


एसडीएम को सौपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

सभा के बाद संतो सहित हिंदू समाज के लोगों ने राष्ट्रपति के नाम एसडीएम गीतांजलि शर्मा को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में उल्लेख किया कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे इस्लामिक अत्याचार मानवाधिकार का हनन है । हाल ही में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक विशेषकर हिन्दू समुदाय, अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे है। धार्मिक असहिष्णुता, मंदिरों और पूजा स्थलों पर हमले, महिलाओं पर यौन हिंसा, संपत्ति की जबरन हड़प, और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं लगातार बढ़ रही है, बांग्लादेश जो भारत का निकटतम पडोसी देश है. धार्मिक सहिष्णुता और मानवाधिकारी के लिए जाना जाता है लेकिन दुर्भाग्यवश, पिछले कुछ वर्षों में वहां हिन्दू अल्पसंख्यकी पर हमले और उत्पीड़न की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। बांग्लादेश में विभिन्न मौकों पर दुर्गा पूजा पंडाली पर हमले, देवी-देवताओं की मूर्तियों को खड़ित करना, मंदिरों को जलाना, और हिन्दू, परिवारों को  पर अत्याचार कर  बांग्लादेश के हिन्दू समाज को भयभीत किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वहाँ धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं। भारत, जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, ऐसे समय में चुप नहीं रह सकता जब हमारे पड़ोसी देश में धार्मिक उत्पीड़न हो रहा ऐसी स्थिति में भारत सरकार को हस्तक्षेप कर बांग्लादेश सरकार के साथ इस मुद्दे को उच्चतम स्तर पर उठाना चाहिए वहां के हिन्दू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक कदम उठाने चाहिए। समुदाय से सहयोग संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश पर कार्रवाई होना चाहिए आदि अन्य मांग ज्ञापन में रखी।

दुकानें बंद रख प्रदर्शन में हुए शामिल
बाग्लादेश में हिन्दुओं के अत्याचार के खिलाफ भारत में हर एक हिन्दु अपना काम धंधा छोड़कर विरोध जताकर घोर निंदा कर रहे है। ऐसा ही ब्यावरा शहर में मंगलवार को देखने को मिला। सकल हिंदू समाज द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन में शहर के दुकानदारों ने भी पूर्णतय सहयोग किया और अपनी अपनी दुकानें बंद कर रेली में शालिम हुए। पूरे बाजार की दुकानें चार बजेे तक बंद रही। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता, समरसता के लिए कार्य करने वाले लक्ष्मीनारायण चौहान, महामंडलेश्वर रघुनाथ दास महाराज, नीलेश महाराज, दीपेंद्र दास, द्वारिका प्रसाद शर्मा, भगवाताचार्य प्रमोद नागर, सुदर्शन शर्मा, अजय तिवारी, गोविन्द शर्मा, आशा शर्मा, दुर्गाशंकर महाराज, जगदीश शास्त्री, कामेश कृष्ण सहित कई संत व समाज प्रमुख उपस्थित थे। सभा का संचालन भगवाताचार्य सतीश नागर ने किया, जबकि आभार द्वाराका प्रसाद शर्मा ने व्यक्त किया।