सुरेशशर्मा, प्रधान संपादक

14 अगस्त 2024 ब्यावरा जिला राजगढ़ म.प्र.

ब्यावरा। भारत का गौरवशाली इतिहास रहा है और हमारा देश का भूभाग विशाल था। भारत अफगानिस्तान, बर्मा, भूटान, तिब्बत सहित अन्य देशों तक फैला हुआ था। यह विश्व गुरु था जो सम्पूर्ण विश्व में ज्ञान की गंगा प्रवाहित करता था लेकिन गुलामी के काल खंड में बड़ी संख्या में हुए धर्मान्तरण एवं धार्मिक कट्ठरता के कारण भारत खंड खंड हो गया। 14 अगस्त 1947 का दिन भारत के विभाजन का ताज़ा उदाहरण है जो इतिहास में सबसे बड़ी विभीषिका है। यह बात स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर में अखंड भारत संकल्प दिवस एवं विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विवेकानंद शिक्षा एवं बाल विकास समिति के सह सचिव मुकेश सेन ने मुख्य वक्ता के रूप में कही। उन्होंने कहा कि यह भारत का स्वर्णिम समय है और अब भारत पुनः विश्व गुरु व अखंड होगा।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रीति गौतम दीदी समाजसेविका एवं शिक्षिका एवं  सरस्वती शिशु मन्दिर के प्राचार्य महेंद्र अहिरवार मंचासीन रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना से किया गया। इस अवसर पर श्री सेन ने भारत की स्वतंत्रता के लिए उन असंख्य लोगों के बलिदान को नमन करते हुए अखंड भारत किस प्रकार और कब - कब विभाजित हुआ, से सभी को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि भारत को फिर से अखंड बनाने के लिए हम सभी को संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय की दीदी श्रीमती बरखा पवार एवं सुश्री दीक्षा सोनी द्वारा तथा आभार प्रदर्शन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री गजेंद्र झाला द्वारा किया गया। इस अवसर पर समस्त आचार्य - दीदी एवं भैया - बहिन उपस्थित रहे। अंत में भारत माता की आरती की गई।