6 माह में पकड़े 44 फरार लंबित स्थाई वारंटी, प्रभारी मंत्री ने किया सम्मान। प्रधान आरक्षक देवेन्द्र सिंह मीना हर राष्ट्रीय पर्व पर होते है सम्मानित

सुरेशशर्मा, प्रधान संपादक
ब्यावरा। राजगढ़ पुलिस विभाग में सेवा दे रहे प्रधान आरक्षक देवेंद्र मीना ने 6 माह में 44 फरार लंबित स्थाई वारंटीयो को पकड़ कर सेवा के प्रति समर्पण का एक उदाहरण पेश किया है। इसी सेवा और समर्पण के चलते श्री मीना को हर राष्ट्रीय पर्व पर सम्मानित किया जाता है। इस (15 अगस्त ) स्वतंत्रता दिवस पर राजगढ़ जिला मुख्यालय पर प्रभारी मंत्री चेतन्य कश्यप सांसद रोडमल नागर, विधायक अमरसिंह यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष चन्दर सिंह सोंधिया, कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा, एसपी आदित्य मिश्रा द्वारा प्रधान आरक्षक देवेंद्र मीना को प्रशस्ति पत्र देकर कर सम्मानित किया। श्री मीना 8 जून 2007 से मध्य प्रदेश पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, बालाघाट के नक्सली क्षेत्र से प्रारंभ हुई सेवा लगातार उसी जोश और समर्पण के साथ जारी है। पुलिस विभाग में सेवा काल के प्रथम वर्ष 2007 से आज तक प्रत्येक वर्ष के राष्ट्र पर्व स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस पर हमेशा सम्मानित होना कोई साधारण बात नहीं है, पर कर्मठता , लगन, मेहनत तथा देश सेवा के प्रति समर्पण के चलते देवेंद्र मिना को यह सम्मान मिलता रहा। इस वर्ष 27 जनवरी से आज तक उन्होंने 44 फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसी प्रकार अपने सेवा काल में कई आरोपियों, फरार वारंटी और गुमशुदाओं की तलाश करने में श्री मीना कामयाब रहे हैं। असंभव सा लगने वाला टास्क आसानी से संभव करने वालो में श्री मीना माहिर है। बालाघाट से सेवा प्रारंभ कर मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों मे कई बार जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से सम्मानित होने के गौरव के साथ साथ श्री मीना को अत्यंत कठिन परिस्थितियों में कर्तव्य निर्वहन के लिए मिलने वाला 'दुर्गम सेवा पदक' तथा आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में समर्पण भाव से निरंतर योगदान देने के लिए "आंतरिक सेवा पदक" से भी सम्मानित किया जा चुका है।श्री मीना ने संपत्ति संबंधित अपराधों का कई बार खुलासा किया एवं आरोपियों को पकड़ने में भी पुलिस विभाग को सफलता दिलाई। श्री मीना जहां भी पदस्थ होते हैं वहां के अपराधी वर्ग में भय तथा आम जन में विश्वास के प्रतीक बन जाते है। श्री मीना की कार्यशैली आज पुलिस विभाग ही नहीं बल्कि आम नागरिकों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन चुकी है।