सुरेशशर्मा, प्रधान संपादक

ब्यावरा। राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर में सिटी पुलिस थाने के पीछे जन सहयोग से संचालित सामाजिक संस्था खुशियों के ओटले पर मंगलवार को राजमाता देवी अहिल्याबाई होलकर मराठा राजमाता मालवा इंदौर रियासत की पुण्यतिथि उनके किए हुए कार्यों को याद करके मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में  आराधना कसेरा जिला कार्यकारिणी सदस्य, बृजेश त्रिवेदी, प्रियंका पुष्पद मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में पुष्प अर्पित करते हुए ओटल के संचालक डॉ सुरजीत सिंह ने राजमाता देवी अहिल्या के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा महारानी अहिल्याबाई होल्कर (31 मई 1725 - 13 अगस्त 1795) भारत के मराठा मालवा राज्य की होलकर रानी थीं। राजमाता अहिल्याबाई का जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर के जामखेड के चोंडी गांव में हुआ था। उन्होंने राजधानी को नर्मदा नदी पर इंदौर के दक्षिण में महेश्वर में स्थानांतरित कर दिया, मुख्य वक्ता श्रीमती कसेरा ने बताया कि अहिल्याबाई के पति खंडेराव होल्कर 1754 में कुंभेर की लड़ाई में मारे गए थे। बारह साल बाद उनके ससुर मल्हार राव होल्कर की मृत्यु हो गई। उसके एक साल बाद उन्हें मालवा राज्य की रानी के रूप में ताज पहनाया गया। उन्होंने अपने राज्य को लूटने वाले आक्रमणकारियों से बचाने की कोशिश की। उन्होंने खुद युद्ध में सेनाओं का नेतृत्व किया। 


उन्होंने तुकोजीराव होल्कर को सेना प्रमुख नियुक्त किया, अहिल्याबाई के पिता ने उन्हें पढ़ना-लिखना सिखाया। इतिहास के मंच पर उनका प्रवेश एक संयोग की तरह था। मराठा पेशवा बालाजी बाजी राव की सेवा में एक कमांडर और मालवा क्षेत्र के स्वामी मल्हार राव होलकर पुणे जाते समय चौंडी में रुके और किंवदंती के अनुसार, उन्होंने गांव में मंदिर सेवा में आठ वर्षीय अहिल्याबाई को देखा। उनकी धर्मपरायणता और उनके चरित्र को पहचानते हुए, उन्होंने लड़की को अपने बेटे खंडेराव (1723-1754) के लिए दुल्हन के रूप में होलकर क्षेत्र में लाया। 1733 में उनकी शादी खंडेराव होलकर से हुई। 1745 में, उन्होंने अपने बेटे मालेराव और 1748 में एक बेटी मुक्ताबाई को जन्म दिया। मालेराव मानसिक रूप से अस्वस्थ थे और 1767 में उनकी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। अहिल्याबाई ने एक और परंपरा को तोड़ा जब उन्होंने अपनी बेटी की शादी यशवंतराव से की, जो एक बहादुर लेकिन गरीब व्यक्ति था, क्योंकि उसने डाकुओं को हराने में सफलता प्राप्त करायी थी। इस मौके पर बड़ी संख्या बच्चे मौजूद रहे ।