28 फ़रवरी 2025, राजगढ़ मप्र.
ब्यावरा। नेत्रदान किसी को नई नेत्र ज्योति देने का माध्यम है और यह जीवन के अंतिम समय में भी परोपकार का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। इसी कारण से राजगढ़ जिले में नेत्रदान के प्रति जागरूकता लगातार बढ़ती जा रही है, इसी जागरूकता के चलते ब्यावरा कस्बे में गीताबाई की मृत्यु के बाद परिवार ने नेत्रदान का उत्कृष्ट कार्य कर उदाहरण प्रस्तुत किया है।
मेड़तवाल रक्त नेत्र मित्र समिति के कमलेश गुप्ता दलाल ने बताया कि ब्यावरा निवासी दामोदरदास गुप्ता की पत्नी गीता बाई के देवलोकगमन होने के बाद मृतका के देवर मेड़तवाल समाज के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री गोपालचंद गुप्ता भोपाल ने अपने भतीजे अनिल, सुनील और अतुल से माताजी के नेत्रदान के लिए बात की, शिक्षित जागरूक परिवार होने के कारण तुरंत परिवार में नेत्रदान के लिए सहमति हो गई, ऐसे में मेड़तवाल रक्त नेत्र मित्र समिति के विशाल गुप्ता जीरापुर के प्रयासों से शंकरा नेत्रालय इंदौर से डॉ विकास के नेतृत्व में नेत्र उत्तसरण टीम ने रात्रि 9 बजे ब्यावरा पहुंचकर पूरे परिवार के सामने पुण्यात्मा का नेत्रदान प्राप्त किया, शिक्षित परिवार होने के कारण परिवार की महिलाएं और बच्चे एवं बड़ी संख्या में समाज सदस्य नेत्रदान प्रक्रिया के समय उपस्थित थे और सहयोग कर रहे थे, उपस्थित सभी परिवार एवं समाज सदस्यों ने इस विषय को जानकर संतोष महसूस किया कि नेत्रदान के बाद चेहरे पर कोई विकृति नहीं आती है और महज 10 मिनट की छोटी सी इस रक्तहीन प्रक्रिया से दो लोगों को नया जीवन देने का परोकार प्राप्त होता है। मेड़तवाल रक्त नेत्र मित्र समिति के सदस्य एवं विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष अशोक गुप्ता व रामकृष्ण गुप्ता के निर्देशन में नेत्रदान प्रक्रिया सुव्यवस्थित संपादित हुई और शंकरा नेत्रालय टीम दो लोगों के लिए रोशनी की आशा का कॉर्निया लेकर इंदौर रवाना हुई। नेत्रदान के बाद नेत्र उत्तसरण टीम एवं मेड़तवाल रक्त नेत्र मित्र समिति के द्वारा परिवार को प्रशिक्षित पत्र दिया गया।
मेड़तवाल रक्त नेत्र मित्र समिति के विशाल गुप्ता ने बताया कि यह ब्यावरा नगर का पहला नेत्रदान प्राप्त हुआ है वहीं यह पिछले 3 महीने में राजगढ़ जिले से रिकॉर्ड चौथा नेत्रदान प्राप्त हुआ है। इससे पहले 28 नवंबर 2024 को उनकी स्वयं की नानीजी लीलाबाई भंडारी का पड़ाना से, 4 दिसंबर को बालिका सुरभि गुप्ता का बोडा से एवं 8 फरवरी को श्रीनाथ दास टांक का पिपलिया कलां से नेत्रदान प्राप्त हो चुका है। जबकि यह राजगढ़ जिले का आठवां नेत्रदान है।