सुरेश शर्मा, ब्यावरा जिला राजगढ़ म.प्र.

इस वर्ष क्षेत्र में हुई बोवनी के बाद से ही हो रही रिमझिम-रिमझिम बारिश के कारण खेतो में सोयाबीन फसल लहरा रही थीं। खेतों में लहराती सोयाबीन फसल को देख किसानों के चेहरे खुशी से खिल रहे थे। लेकिन अब बारिश रुकने के बाद खेतों में इल्लियों का प्रकोप ज्यादा ही देखने को मिला। इल्लियों ने खेतों में लहरा रही सोयाबीन के पत्तो को छन्नी करने के साथ तने सहित फूल को भी नष्ट दिया । बारिश खुलते ही किसान भाइयों ने अपनी फसल को इल्लियों के प्रकोप से बचाने मसक्कत शुरू की ओर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करना शुरू किया। अभी तक 2-2 बार कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किसान अपने खेतों में कर चुके है, इसके बाद भी इल्लियों का प्रकोप कम नही हो रहा है। कुछ दिनों पूर्व तक खेतो में लहर रही सोयाबीन फसलों के कारण किसानों के चहरे पर देखी जा रही खुशी अब चिंता में बदल गई। फसलों में लगी इल्लियों के कारन किसान परेशान है,फसल में हो रहे नुकसान के चलते किसानों के चहरे पर चिंता की लकीरें साथ दिखाई दे रही है। इल्लियों के कारण फूल नष्ट होने से फसल बांझ रहने की आसंका है।

क्षेत्र के किसानों ने बताई समस्यां, कहां 50 प्रतिशत से अधिक हो चुका नुकसान

गांव भगोरा, मानकी, बेलास, चाचाखेड़ी, मलावर सहित क्षेत्र के किसानों ने बताया कि इस वर्ष शुरुआत से ही तेज बारिश नही हुई है, लगातार रिमझिम बारिश के कारण फसलों में इल्लियों का प्रकोप बढ़ता गया। अब हालात यह है कि इल्लियों ने सोयाबीन के पत्ते, तने सहित फूलों को भी नष्ट कर दिया, जिससे अभी तो फसल में 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान हो चुका है, लेकिन फसल में फूल आने से पहले ही इल्लियां तने काट रही है, फूल नष्ट होने से सोयाबीन में फल नही रहेगा, सोयाबीन फसल बांझ रहने की आसंका है। अगर फसल बांझ रही तो हम किसानों को शत प्रतिशत नुकसान रहेगा।

3 बार खरपतवार, 2 बार कीटनाशक का कर चुके फसल में छिड़काव

क्षेत्र के किसानों ने बताया कि सोयाबीन फसल में अभीतक 3 बार खरपतवार नाशक ओर 2 बार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर चुके है, लेकिन न तो खरपतवार नष्ट हुआ ना इल्लियों का प्रकोप आखिर करे तो क्या करे, फसल को नुकसान से बचाने जितना प्रयास करना था कर चुके अब भगवान ही मालिक है। किसानों ने बताया कि क्षेत्र में अभी तक बारिश भी पर्याप्त नहीं हुईं है, अभी कुऐ पूरी तरहा से नही भरा पाए है, तालाब खाली है, जमीन में जल स्तर नही बढ़ पाया। बारिश पर्याप्त नही होने से रबी की फसल में भी समस्यां आ सकती है।